Women reservation bill: महिला आरक्षण बिल 2023

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Women reservation bill देश में आज का सबसे चर्चित टॉपिक है जिसके बारे में आप और इस देश में मोजूद हर कोई जानना चाहता है , ये बिल क्या है? इसके लागु होने के बाद महिलाओं की स्थिति पर क्या फर्क पड़ेगा? देश में बनाने वाले विभिन्न अधिनियमों में महिलों की क्या भूमिका रहेगी? इन सभी बातों को हम आज इस ब्लॉग में अच्छे समझाने वाले है | यह आर्टिकल सरल भाषा में है जिससे आपको अधिनियम के बारे में पढने और समझने में आसानी होगी –

महिला आरक्षण बिल

Women Reservation Bill

2023

     नारा:- नारी शक्ति के बिना भारत जेसे महान देश की कल्पना नही की जा सकती |

नाम :- नारी सकती वन्दन अधिनियम ( प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने )

women reservation bill
women reservation bill

# 17 वी लोकसभा के आकड़ो के अनुसार भारत में पुरष वोटरों के संख्या 46.8 करोड़ है और महिला वोटरों की संख्या 43.2 करोड़ है| इस स्थिति में महिलाओ के बिना भारत जेसे विशाल देश को चलाना संभव नही है|

# इसलिए नये संसद भवन के विशेष स्त्र के पहले दिन (18 सितम्बर 2023) की कारवाही के दोरान कानून मंत्री अर्जुन      राम  मेघवाल ने महिला आरक्षण बिल को संसद के सामने रख दिया |

# महिला आरक्षण बिल पहली बार 1996 में संसद पंहुचा लेकिन पास नही हुआ | ( उस समय H.D. देवगोडा की सरकार थी ) (11 वी लोकसभा ) ( 81 वा संसोधन )

# इस के बाद 1997 में इन्द्रकुमार गुजराल की सरकार भी इसे पास करवाने में असफल रही |

# 1998 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार को भी असफलता मिली |

# 2010 में राज्यसभा द्वारा पारित होने के बाद 2014 में लोकसभा भंग हो गयी और यह बिल अपने आप ही ख़तम हो गया | ( इस समय मनमोहन सिंह की सरकार थी )

# और अब अंत में 18 सितम्बर 2023 बे नरन्द्र मोदी की सरकार ने संसद में नारी शक्ति वन्दन अधिनिम नाम से महिला आरक्षण बिल को पेश किया है |

आइये इस के बारे में जानते है – क्या है महिला आरक्षण बिल :-

# महिला आरक्षण बिल(women reservation bill) 2023 भारतीय सविधान का 128 वा संसोधन विदेयक है जो  राज्य विधान सभाओ और संसद में महिलाओ को कुल संख्या के 1 तिहाई (33%) हिस्से का अधिकार देता है|

क्या है विवाद:-

# महिला आरक्षण विधेयक(Women reservation bill) का मुद्दा 25 वर्ष पुराना है लेकिन हर बार विरोध होने की वजह से यह लागु नही हो पाया |

# नेशनल फेडरेशन ऑफ़ इंडियन वुमन ने 2021 में महिला आरक्षण बिल को फिर से पेश करने के लिये सुप्रीम कोर्ट में याचिका पेश की |

# नवम्बर 2022 में नयायमूर्ति संजीव खन्ना के नेत्रत्व वाली पीठ ने नेशनल फेडरेशन ऑफ़ इंडियन वुमन  द्वारा जरी की गए याचिका को स्वीकार करने के बाद केंद्र सरकार से 6 सप्ताह के अंदर जवाब देने के लिये कहा |

# लेकिन COVID के कारण से यह सुनवाई मार्च 2023 तक टाल दी गई |

# लेकिन अब नरेन्द्र मोदी की सरकार में  संसद में पेश करने के बाद लोकसभा में पास हो चूका है |

उद्देश्य:-

# देश की महिलाओ के लिये नीतियां बनाते समय महिलाओ की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है लेकिन महिलाओ की गिरती हिस्सेदारी की वजह से यह मुस्किल हो गया है |

# 2021 में पब्लिश हुई ग्लोबल जेंडर रिपोर्ट के अनुसार भारतीय राजनीती में महिलओं की हिस्सेदारी 13.5 % कम हो गयी है| पंचायत से लेकर राज्य विधानसभाओ में महिलाओ की भागदारी काफी कम है |

# वर्तमान में महिलाओ की हिस्सेदारी बहुत कम है और महिलाओ का कल्याण करने के लिये महिलाओ के साजेदारी बहुत महत्वपूर्ण है | इसलिये महिलाओ की हिसेदायी को 33% तक बढाया जायेगा |

# वर्तमान समय में लोकसभा में 78 महिला सांसदों (कुल सिट 543 ) को चुना गया था महिलाओ को चुना गया है जो की 15% से भी कम है | लोकसभा में  इस को बढ़ा कर 181 करना है |

# राज्यसभा में 224 सदेश्यो में से 24 महिला सदस्य है | राज्य की विधान सभाओ में महिलाओ की हिसेदारी 14 % ही है |

महिला आरक्षण बिल (Women reservation bill) में प्रस्ताव:-

1. लोकसभा और विधान सभाओ में महिलाओ को 33% का अधिकार देय जाये |

2. हर आम चुनाव के बाद रिज़र्व सीटों  का रोटेशन किया जाये |

महिला आरक्षण बिल(Women reservation bill) से क्या क्या फयदा होगा:-

1. संसद में महिलाओ को 33 % आरक्षण देने के आलावा

2.इस विधेयक में संविधान के अनुछेद 239AA  के तहत राजधानी दिल्ली  की विधान सभा में भी महिलाओ को 33% आरक्षण देय जायेगा |

3. हाल ही में पेश किये गए महिला आरक्षण विधेयक में लिखा है की महिलाओ के लिये 33% आरक्षण परिसीमन ( यानि दिलिमितेसन) के बाद  ही लागु होगा |

महिला आरक्षण बिल(Women reservation bill) कैसे काम करेगा:–

# महिला आरक्षण विदेयक को 15 सालों के लिये लागु किया जायेगा | इसमें हर आम चुनाव के बाद रिज़र्व सीटो का रोटेशन किया जायेगा | इसके बाद संसद चाहे तो आगे भी बड़ा सकता है |

पार्लियामेंट में इस बिल के सम्बन्ध में हुई बहस

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