बिहार में जातिगत आरक्षण 75% करने का प्रस्ताव: देखिये नीतिश कुमार ने क्या कहा

Bihar Assembly Winter Session:-

Bihar Assembly Winter Session: जातिगत जनगणना करने वाला भारत का पहला राज्य बिहार है जिस की रिपोर्ट बिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में 7 नवम्बर 2023 का राज्य सरकार जातीय-आर्थिक सर्वे की विस्तृत रिपोर्ट सदन में पेश करेगी| यह रिपोर्ट संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चोधरी यह रिपोर्ट सदन में पेश की है | सोमवार को विधानसभा और विधान परिषद की कार्य सिमिति की अलग-अलग बैठक हुई| इसमें मंगलवार को रिपोर्ट पेश करने का निर्णय लिया गया| 2 अक्टूबर 2023 को महात्मा गाँधी की जयंती पर बिहार सरकार की  जारी जातीय जनगणना की प्रारम्बिक रिपोर्ट में केवल जाती व धर्म विशेष के लोगो की संख्या की जानकारी दी गयी थी|

संसदीय कार्य मंत्री विजय चोधरी ने कहा की जातीय गणना की विश्त्रित रिपोर्ट दोनों सदनों में रखी जायेगी| इसके बाद सभी दलों के नेता इसके आधार पर आगे की कार्यवाही के सम्बन्ध में अपनी राय रखेगे| यह एतिहासिक दिन होगा| इस गणना एवं सर्वे के नतीजो की प्रतीक्षा सिर्फ बिहार हि नही, पुरे देश के लोग कर रहे है|

मुख्यमंत्री नितीश कुमार द्वारा पेश किया गया प्रस्ताव:-

मंगलवार को बिहार विधानसभा में उन्होंने कहा की पिछड़ा, अति पिछड़ा, अनुसूचित जाती और जनजाति वर्ग के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण को बढ़ाकर 65 प्रतिशत कर दिया जायेगा|

नितीश कुमार ने कहा, “जाती आधारित जनगणना के आकड़ो के आधार पर सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक स्थिति को ध्यान में लेकर निम्न निर्णय लिए जा सकते है, जाति आधारित गणना में वर्गवाद के आकडे मिले. उसमे पिछड़ा वर्ग का 47.12% , अत्यंत पिछड़ा वर्ग का 26.01% , अनुसूचित जाती का 19.65% ,अनुसूचित जनजाति का 1.68% और सामान्य वर्ग का 12.55% है|

उन्होंने कहा, “अपर कास्ट का कुल मिलाकर 52.52 और पिछड़ा वर्ग का 27.12 और अति पिछड़ा वर्ग का 36.01 और अनुसूचित जाती का 16 से बढ़कर 19.65 प्रतिशत हो गया है इसलिए अनुसूचित जाती की लिए कोशिश करनी चाहिए अनुसूचित जनजाति पहले एक से कम थी, वो अब 1.68 प्रतिशत होई गए है. इसके लिए आगे प्रयास करना होगा.

“अभी यह स्थिति है की अनुसूचित जाती और जनजाति की जनसंख्या अनुपात में वर्द्धि के कारण, अब जानते है ना, जब भी जो भी दिया गया है, 50 प्रतिशत का है, अनुसूचित जाती और जनजाति को सेंट पर्सेंट मिलता था. अभी तक बिहार में 16 और एक 17 था. अब संख्या बढ़ गयी है अनुसूचित जाती 19.65 प्रतिशत हो गयी है, तो अनुसूचित जाती को 20 प्रतिशत करना होगा. अनुसूचित जनजाति का 1.68 है तो उसे 2 प्रतिशत करना होगा. दोनों को 17 प्रतिशत की जगह पर 22 प्रतिशत देना होगा. सरकारी सेवाओ में उनको सेंट पर्सेंट तो देना हि होगा ना”

नितीश कुमार ने कहा, “ये अनुसूचित जाती का 20 प्रतिशत और अनुसूचित जनजाति का 2 प्रतिशत हो जाएगा. पिछड़े वर्ग की महिलाओ को पूर्व से प्रावधानिक 3 प्रतिशत आरक्षण को, पिछड़े और अति पिछडो को आरक्षण में समाहित किया जा सकता है, तब 3 प्रतिशत को छोड़ देना चाहिए, क्योकि अब पुरे बिहार में महिलाओ को दे रहे है.”

उन्होंने कहा, “50 प्रतिशत में 22 प्रतिशत (अनुसूचित जाती और जनजाति) आरक्षण हटेगा टो पिछड़ा और अति पिछड़ा वर्ग के लिए सिर्फ 28 प्रतिशत आरक्षण बचेगा , दोनों को मिलकर इनकी संख्या 63% हो गए है और कुल मिलकर आप समझ लीजिये की उनकी पास सिर्फ 28 प्रतिशत आरक्षण बचा है. अपर कास्ट में आप जानते है की केंद्र सरकार ने पिछड़ेपन को 10 प्रतिशत किया और हमने सवीकार किया .”

नितीश कुमार ने कहा, “ऐसे में पिछड़े और अति पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षण बढ़ना चाहिए न भाई. यही हमारा कहना है. मेरा यह कहना है की भाई जो 50 % है वो कम से कम 65 % और 10% मिलकर कुल 75% आरक्षण हो जाएगा और 25% बचेगा. पहले 40% सबको फ्री था, अब वो 25 हो जायेगा.”

उन्होंने कहा, “पिछड़ा, अति पिछड़ा, एससी, एसटी, के पास जो 50% आरक्षण है, उसे हम लोग कम से कम 65% कर दे, ये आप लोगोई से परामर्श है, आप लोग भी सहमती दे रहे है, ये बड़ी ख़ुशी की बात है”

नोट:- जातीय-आर्थिक सर्वे रिपोर्ट जारी करने वाला भारत का पहला राज्य बिहार है| इस से पहले 1931 में संयुक्त बिहार (बिहार,झारखण्ड,उड़ीसा) में की गयी थी|

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विपक्ष की प्रतिक्रिया:-

बिहार के cm नितीश कुमार पर आरोप लागते हुए बीजेपी के अध्यक्ष सम्राट चोधरी ने कहा की जातीय सर्वे में सरकार ने तुष्टिकरण की निति अपनाई है| पुरे बिहार इसे जान रहा है की किन-किन लोगो की आबादी बढाई गयी है| सरकार पूरी रिपोर्ट टो जरी करे, राज्य की जनता लड़ाई लड़ने के लिए तेयार है| प्रदेश की सभी जातियों को खुद से हि अपनी गणना करनी चाहिए|

जातीय गणना के मुख्य बिंदु:-

जातीय गणना के दोरान 26 प्रमुख बिन्दुओ पर जानकारी जुटाई गयी थी| विभिन जातियों की शेक्षणिक, आर्थिक व सामाजिक स्थिति पर विस्त्रत जानकारी दी जायेगी| इनमे ओसत आय, शेक्षणिक स्तर, रोजगार की स्थिति, कृषि या गैर कृषि आधारित जीवनयापन, आवासीय स्थिति, लोगो के पास इलेक्ट्रोनिक उपकरणों की संख्या सहित अन्य प्रमुख जानकारी दी जा सकती है|

बिहार जातीय जनगणना के प्रमुख बिंदु:-

  • बिहार सरकार की जारी रिपोर्ट के अनुसार राज्य में कुल जातियों की संख्या:- 214(लगभग)
  • बिहार में सबसे अधिक संख्या में यादव है|
  • सबसे अधिक हिन्दू तथा सबसे कम जैन धर्म के
  • यह सर्वेक्षण 2 चरणों में पूरा हुआ, पहला चरण 7 जनवरी 2023 को शुरू हुआ तथा इस सर्वेक्षण का दूसरा चरण 31 मई 2023 को ख़तम हुआ|

जनगणना के आकडे:-

पिछड़ा वर्ग 35463936 27.1286%
अत्यंत पिछड़ा वर्ग 47080514 36.0148%
अनुसूचित जाती 25689820 19.6518%
अनुसूचित जनजाति 2199361 1.6824%
अनारक्षित 20291679 15.5224%
कुल 130725310

 

बिहार जातिगत जनगणना रिपोर्ट PDF

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